सुंदर सिंह, साहिबाबाद
महानगर में वाहन चालक सरेआम यातायात के नियमों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं, पर किसी की मजाल है कि उन्हें रोक ले। लोगों ने दो-पहिया से लेकर चार-पहिया वाहनों पर मनमाने ढंग से नंबर प्लेटें लगवा रखी हैं।
नियमों की अनदेखी
कई वाहनों पर नंबर बहुत ही छोटे अक्षरों में व पदनाम बड़े अक्षरों में लिखे हैं, कुछ चालकों ने नंबर के स्थान पर अपने पद ही लिखवा रखे हैं, तो किसी ने नंबर हिंदी में लिखवा रखे हैं। यातायात पुलिस द्वारा इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा देवी देवताओं के चित्र भी नंबर प्लेटो पर अंकित होते हैं।
क्या हैं नियम
-कार और दोपहिया वाहन पर लगीं नंबर प्लेटों पर किसी तरह की डिजाइनिंग या कलर करने पर रोक है।
-प्राइवेट गाड़ियों के नंबर प्लेट का बैकग्राउंड सफेद और उस पर काले रंग में नंबर लिखे होने चाहिए।
-कमर्शियल वाहनों का बैकग्राउंड पीला और नंबर ब्लैक लिखे होने चाहिए।
-कार की नंबर प्लेटों पर लिखे अक्षरों की ऊंचाई 65 एमएम, मोटाई और बीच का गैप 10 एमएम होना चाहिए।
-दोपहिया वाहन की अगली नंबर प्लेटो पर अक्षरों की ऊंचाई 30 एमएम, मोटाई व गैप 5 एमएम वहीं पिछली नंबर प्लेटों पर अक्षरों की ऊंचाई 40 एमएम, मोटाई 7 एमएम और गैप 5 एमएम का होना चाहिए।
-अक्षर और नंबर सिर्फ अंग्रेजी में लिखे होने चाहिए।
कितने का है चालान
ट्रैफिक इंस्पेक्टर पवन कुमार का कहना है कि यदि किसी वाहन पर नंबर प्लेट गलत पाई जाती है तो उसका 100 रुपये का चालान किया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले छह माह के दौरान गलत नंबर लिखे करीब 3 हजार वाहनों का चालान काटा गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि महानगर में कितने वाहन चालक अपने वाहनों पर गलत नंबर लिखकर घूम रहे हैं।
प्लेट बनाने वालों की मौज
वाहनों की नंबर प्लेट बनाने वाले सौराज ने बताया कि यदि कोई अपने वाहन पर स्टाइल में नंबर डलवाता है तो उसे कंप्यूटर द्वारा डिजाइन दिखाकर नंबर डाल दिया जाता है। इसके लिए उससे 100 से 200 रुपये लेते हैं।
नियम तोड़ने में पुलिस व मीडिया कर्मी सबसे आगे
पुलिस व मीडिया कर्मी इन नियमों को तोड़ने में सबसे आगे हैं। आमजन तो अपने वाहनों पर नंबर तो लिखवाते हैं चाहे वह छोटा हो या बड़ा, लेकिन ज्यादातर पुलिस व मीडिया कर्मी तो नंबर के स्थान पर प्रेस और पुलिस ही लिखवा लेते हैं।
Source: Dainik Jagran
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