हिंडन नदी में गिर रहे शहर के 5 नालों के मुहाने पर जाल लगाकर अघुलनशील कचरे को रोकने की तैयारी है। वॉटर वर्क्स के जीएम बाबूलाल के मुताबिक, प्लान को जल्द ही जिला प्रशासन के पास रखा जाएगा। डीएम से अनुमति मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। इस काम में ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा ।
क्या है समस्या : शहर से 5 नाले हिंडन नदी में गिर रहे हैं। इनमें साहिबाबाद से 2 नाले, विजय नगर और नूरनगर सिहानी से 1-1 नाला और नगर निगम का भी एक नाला है। इनसे रोजाना 120 एमएलडी गंदा पानी हिंडन में मिल रहा है। इस पानी में भारी तादाद में अघुलनशील कचरा है, जो हिंडन में प्रदूषण का स्तर और बढ़ा देता है। अब इसे रोकने की प्लानिंग है।
कैसे रुकेगा कचरा : वॉटर वर्क्स के जीएम बाबूलाल के मुताबिक, नदी में गिर रहे नालों के मुहाने पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर पिलर लगाए जाएंगे। इनके बीच महीन जालियां लगाई जाएंगी। गंदे पानी के साथ आ रही अघुलनशील गंदगी जाल में फंस जाएगी। वहां मौजूद कर्मचारी इस कचरे को अलग हटाते रहेंगे। इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा। जल निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्लान को जिला प्रशासन के पास रखा जाएगा। डीएम की परमिशन के बाद काम पूरा किया जाएगा।
बनना है ड्रेन नेटवर्क : यमुना एक्शन प्लान के सेकंड फेज में हिंडन में गिरने वाला अनट्रीटेड वॉटर पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। इन नालों को अलग से एक ड्रेन नेटवर्क से जोड़कर एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। वहां से पानी ट्रीट होकर नदी में गिरेगा। हालांकि इस प्रोजेक्ट में थोड़ा टाइम लगेगा। ऐसे में फर्स्ट फेज में नदी में जाने वाले गंदे कचरे को रोकने का प्लान है।
खतरनाक है हिंडन में नहाना : डॉक्टर के. के. त्यागी के मुताबिक, हिंडन नदी में पलूशन का लेवल काफी ज्यादा है। नदी में नहाना जोखिम भरा है। इस पानी में नहाने से खुजली आदि 7 तरह की एलर्जी हो सकती है। बाल झड़ सकते हैं और स्किन इन्फेक्शन भी हो सकता है। अगर थोड़ा पानी पेट में चला जाए, तो आंतों में टीबी, हैजा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
क्या है पलूशन लेवल : यूपी पलूशन कंट्रोल बोर्ड की वैज्ञानिक के मुताबिक , फिलहाल हिंडन नदीमें बीओडी ( बायलॉजिकल ऑक्सिजन डिमांड ) 28-30 के बीच चल रही है। स्टैडर्ड बीओडी 12 है।
क्या है समस्या : शहर से 5 नाले हिंडन नदी में गिर रहे हैं। इनमें साहिबाबाद से 2 नाले, विजय नगर और नूरनगर सिहानी से 1-1 नाला और नगर निगम का भी एक नाला है। इनसे रोजाना 120 एमएलडी गंदा पानी हिंडन में मिल रहा है। इस पानी में भारी तादाद में अघुलनशील कचरा है, जो हिंडन में प्रदूषण का स्तर और बढ़ा देता है। अब इसे रोकने की प्लानिंग है।
कैसे रुकेगा कचरा : वॉटर वर्क्स के जीएम बाबूलाल के मुताबिक, नदी में गिर रहे नालों के मुहाने पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर पिलर लगाए जाएंगे। इनके बीच महीन जालियां लगाई जाएंगी। गंदे पानी के साथ आ रही अघुलनशील गंदगी जाल में फंस जाएगी। वहां मौजूद कर्मचारी इस कचरे को अलग हटाते रहेंगे। इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा। जल निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्लान को जिला प्रशासन के पास रखा जाएगा। डीएम की परमिशन के बाद काम पूरा किया जाएगा।
बनना है ड्रेन नेटवर्क : यमुना एक्शन प्लान के सेकंड फेज में हिंडन में गिरने वाला अनट्रीटेड वॉटर पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। इन नालों को अलग से एक ड्रेन नेटवर्क से जोड़कर एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। वहां से पानी ट्रीट होकर नदी में गिरेगा। हालांकि इस प्रोजेक्ट में थोड़ा टाइम लगेगा। ऐसे में फर्स्ट फेज में नदी में जाने वाले गंदे कचरे को रोकने का प्लान है।
खतरनाक है हिंडन में नहाना : डॉक्टर के. के. त्यागी के मुताबिक, हिंडन नदी में पलूशन का लेवल काफी ज्यादा है। नदी में नहाना जोखिम भरा है। इस पानी में नहाने से खुजली आदि 7 तरह की एलर्जी हो सकती है। बाल झड़ सकते हैं और स्किन इन्फेक्शन भी हो सकता है। अगर थोड़ा पानी पेट में चला जाए, तो आंतों में टीबी, हैजा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
क्या है पलूशन लेवल : यूपी पलूशन कंट्रोल बोर्ड की वैज्ञानिक के मुताबिक , फिलहाल हिंडन नदीमें बीओडी ( बायलॉजिकल ऑक्सिजन डिमांड ) 28-30 के बीच चल रही है। स्टैडर्ड बीओडी 12 है।
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