हमारी एक गलती से किसी को क्या कष्ट होता है ये हमने संस्कार शाला में जाना। संस्कार शाला की दी हुई शिक्षा हमें जीवन भर याद रहेगी। जैसे सूरज अपनी किरणों से हर रोज उजियारा फैलाता है वैसे हम भी शिष्टाचार को अपना कर रोज उन पर अमल करेंगे और दूसरों को भी गलती करने से रोकेंगे। संस्कार शाला की पढ़ाई ने भविष्य की नींव को मजबूत करने का कार्य किया है। यह विचार है उन बच्चों के जो दैनिक जागरण द्वारा आयोजित संस्कारशाला की परीक्षा में बैठे थे। परीक्षा संपन्न होने के बाद बच्चों ने अपना अनुभव एक दूसरे को बांटे।
मंगलवार को जिले के श्रीठाकुर द्वारा बालिका विद्यालय, गाजियाबाद पब्लिक स्कूल, देहरादून पब्लिक स्कूल, सिल्वर लाइन पब्लिक स्कूल नेहरू नगर एवं बुलंद शहर औद्योगिक क्षेत्र, नेहरू वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, गुरूकुल द स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल गाजियाबाद, महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, वनस्थली पब्लिक स्कूल, राम किशन इंस्ट्टीयूट, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल, मॉडर्न एकेडमी में लगभग 3000 छात्र-छात्रा परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा संपन्न होने के बाद केंद्र से बाहर निकले छात्रों ने अपने अनुभव बांटे।
परीक्षा नहीं थी यह
गाजियाबाद पब्लिक स्कूल के सातवीं कक्षा के छात्र विश्वप्रिय का कहना था यह महज एक परीक्षा नहीं थी बल्कि संस्कारों की पाठशाला थी जिसमें हमने शिष्टाचार से जुड़ी उन तमाम बातों को जाना जो हमें मालूम नहीं थी। ठाकुरद्वारा की सातवीं कक्षा की छात्रा दिव्या का कहना है कि कई बार हम बाथरूम में नल खुला छोड़कर मम्मी को परेशान करते हैं, इस परीक्षा के बाद पता चला कि हम इस तरह कई छोटी बड़ी गल्तियां करते हैं।
मम्मी-पापा का मानेंगे कहना
इंदिरापुरम स्थित जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल में परीक्षा देकर आती ग्यारह वर्षीय मानसी बताती है कि पापा-मम्मी सदैव इन बातों का पालन करने को कहते है, लेकिन हम नहीं करते। मैं और मेरी दीदी दोनों इन बातों का पालन करेंगी।
शिक्षकों ने माना, बच्चों ने सीखे अच्छे संस्कार
ठाकुरद्वारा स्कूल की शिक्षिका रेणुका का कहना है कि यह परीक्षा सिर्फ किताबी न होकर व्यवहारिक परीक्षा है, जो सही मायनों में नैतिक शिक्षा प्रदान की है। वहीं गाजियाबाद पब्लिक स्कूल के प्रशासक वरुण का कहना है कि आज जब नैतिक मूल्य घटते जा रहे हैं, संयुक्त परिवार कम हो गए है ऐसे में दैनिक जागरण की बच्चों को संस्कार देने की यह बहुत अच्छी पहल है।
वसुंधरा स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की सीनियर कोर्डिनेटर मीनू भार्गव का कहना था कि संस्कार शाला सिर्फ प्रश्न पत्र ही नहीं है बल्कि बच्चों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के साथ ही संस्कारी भी बना रहा है। उन्होंने इस आयोजन पर प्रसन्नता जताई और अपेक्षा की है कि दैनिक जागरण आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करेगा। नेहरू वर्ल्ड स्कूल की कोर्डिनेटर विनीता का कहना था कम समयाभाव के कारण जो हम बच्चों को नहीं सिखा सकते हैं, उसे दैनिक जागरण ने सिखाने में अहम भूमिका अदा की है।
Source by: Dainik Jagran
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